analys the Geography - As a Science of Environmental thaughts.

भूगोल—पर्यावरणवादी विचारधाराओं का विज्ञान(Geography : As a Science of Environmental Thoughts.) जर्मन भूगोलवेत्ता रेटजल ने अपने ग्रन्थ 'एन्थोपोज्योग्राफी' में मानव—भौगोलिक वातावरण के प्रभावों को विशष रूप से उल्लेख किया तथा भूसतह की विभिन्न प्र​क्रियाओं का मानव से सम्बन्ध स्थापति करते हुए क्रमबद्ध ​विवेचन किया ​तथा भूगोल को प्राकृतिक वातावरण तथा मानव के परास्परिक सम्बन्धों का विज्ञान कहा। उनका मानना था कि पृथ्वी के विभिन्न तत्व एक—दूसरे को प्रभावित करते हैं। रेटजल के भौगोलिक कार्यों से जर्मनी में ही नहीं ब्रिटेन, फ्रांस तथा संयुक्त राज्य अमेरिका में भी मानव भूगोल के अध्ययन को प्रमुखता दी जाने लगी तथा वीं शताब्दी के प्रथम चरण में भूगोल को मानव तथा वातावरण के सम्बन्धों का विज्ञान माना जाने लगा। साथ ही रेटजल ने वातावरण तथा मानव के सम्बन्धों में वातावरण कारकों को एक नियंत्रक के रूप में मान्यता प्रदान कर निश्चयवादी विचारधारा का पोषण किया। 

निश्चयवादी विचारधारा का विरोध करते हुए फ्रांसीसी भूगोलवेत्ताओं ने संभववादी विचारधारा तथा अमेरिकन भूगोलवेत्ताओं ने नव—निश्चयवादी विचारधारा का प्रतिपादन किया।

अमेरिकन भूगोलवेत्ता एडवर्ड एकरमैन ने भूगोल के दर्शन को निम्नलिखित प्रकार परिभाषित किया, ''भूगोल पृथ्वी की सतह पर एक ऐसे वृहद् अन्तर्क्रियात्मक क्रम का ​वैज्ञानिक अध्ययन है, जिसमें समस्त मानव जाति तथा उसका प्राकृतिक वातावरण सम्मिलित है।''

अमेरिकन भूगोलवेत्ता हरलान एच. वैरोज ने कहा कि, ''भूगोल का अध्ययन मानव परिरिस्थतिकी पर केन्द्रित होना चाहिये।'' उन्होने भूगोल को 'मानव परिस्थितिक विज्ञान—(Human Ecology) माना।