Geography is the Science of distribution)-Explain Statement

 विज्ञान के रूप में भूगोल
(GEOGRAPHY AS A SCIENCE) 

भूगोल पृथ्वी सतह का एक ऐसा वैज्ञानिक विषय है जिसमें समस्त मानव जाति तथा उसका प्राकृतिक वातावरण सम्मिलित होता है। किसी विषय को एक वैज्ञानिक विषय के अन्तर्गत आने के लिए उसमें निम्नलिखित चार विशेषताओं का होना आवश्यक है :

1. यथार्थ वर्णन, 2. क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित वर्णन, 3. प्रत्यक्ष अनुभवपरक ज्ञान एवं 4.नियम प्रतिपादन की क्षमता। . 

भूगोल के अध्ययन के अन्तर्गत उक्त चारों विशेषताएँ समाहित हैं। इन विशेषताओं को रिचार्ड हार्टशोर्न नामक अमेरिकन भूगोलवेत्ता द्वारा भूगोल के लिए दी गई निम्न परिभाषा में देखा जा सकता है : 

“भूगोल एक स्थान से दूसरे स्थान पर मिलने वाली धिनाओं का यथार्थ, क्रमबद्ध एवं युक्तिसंगत वर्णन एवं व्याख्या करता है।"

वस्तुत: भूगोल में भौतिक विज्ञान तथा रसायन विज्ञान की तरह नियम प्रतिपादन को क्षमता तो नहीं है लेकिन भूगोल में प्राकृतिक विज्ञानों के नियमों का व्यापक रूपम उपयोग किया जाता है।

18वीं व 19वीं शताब्दी में कांट, हम्बोल्ट, रिटर, रेटजल ध रिचथोफिन नामक जर्मन भूगोलवेत्ताओं के योगदान से भूगोल को एक विज्ञान का स्वरूप प्राप्त है। जिसे बाद में जर्मनी, फ्रांसीसी, ब्रिटिश तथा अमेरिकन भूगोलवेत्ताओं ने आध विकसित करने का प्रयास किया। वस्तुत: 18वीं शताब्दी से लेकर वर्तमान विज्ञान के रूप में भूगोल का अध्ययन निम्नलिखित व संकल्पनाओं के आधार गए :

पृथ्वी तल या वितरणों का विज्ञान,
अन्तर्सम्बन्धों तथा अन्तक्रियाओं के अध्ययन का विज्ञान,
प्रदेशों का अध्ययन करने वाला विज्ञान,
पर्यावरणवादी विचारधाराओं का विज्ञाप,
संश्लेषणात्मक विज्ञान के रूप में एक
व्यावहारिक विज्ञान के रूप में।

भूगोल-प्रथ्वी तल पा वितरणों के विज्ञान के रूप में (Geography : As a Science of Earth Surface or Distribution) भूगोल विषय के अध्ययन में मुख्य रूप से इस तथ्य पर बल दिया जाता रहा है कि भू-सतह पर विभिन्न प्राकृतिक व मानवीय तथ्यों का वितरण किस प्रकार का है ? पूगोल में मात्र विभिन्न प्राकृतिक एवं मानवीय तथ्यों के वितरण प्रतिरूप का अध्ययन ही नहीं किया जाता वरत् इस वित्तरण प्रतिरूप को समझाता और उनकी तुलना करना भी भूगोल में आवश्यक समझा जाता है।

आधुनिक भूगोल के पूर्व-शासीय काल में हार्टशो द्वारा इप्त विचारधारा को प्रमुखता दी गई है। उनके अनुसार, "भूगोल मूलतः वितरणों का विज्ञान है। भूगोल एक ऐसा विषय है जिप्सका उद्देश्य पृथक् रूप में तथा सम्बन्धों के रूप में पृथ्वी की विभिन्न घटनाओं का वितरण ज्ञात करना होता है।"

उन्नीसवीं शताब्दी में सर्वप्रथम हम्बोल्ट ने 'भूगोल को विश्व के स्थानिक वितरणों का विज्ञार' (Geography as science of spatial distributions of world) कहा; लेकिन डोरिंग महोदय का यह कहना है कि हम्बोल्ट ने भूगोल में इस प्रकार के अध्ययनों को बहुत कम स्थान दिया।

भूगोल को 'वितरण के विज्ञान' के रूप में अध्ययन को मार्थे महोदय ने सर्वाधि क महत्त्त प्रदान किया उसने भूगोल को साधारण रूप में वस्तुओं के कहाँ' (The where of things) का अध्ययन बताया।

अमेरिकन भूगोलवेत्ता कार्ल सावर रे भूगोल तथा इतिहास में अन्तर स्पष्ट करते हुए कहा, "यदि इतिहास 'कब' का विज्ञान है तो भूगोल 'कहाँ' का विज्ञान माना जाता है ? वस्तुतः जिस प्रकार भूगोलवेत्ता पृथ्वी के घटना-दृश्यों का वितरण 'कहाँ है' यह जानने का प्रयास करता है, जबकि एक इतिहासवेता घटना-दृश्यों का अध्ययन कब के परिप्रेक्ष्य में करता है।"

हेटगर ने भूगोल को वितरण का विज्ञान न मानकर पृथ्वी के क्षेत्रों का विज्ञान माना। भूपटल का विशेष क्षेत्र भूगोल के अध्ययन का मुख्य लक्ष्य होना चाहिए। उनका मानना है कि भूपटल के विभिन्न क्षेत्रों में घटना-दृश्यों की विभिन्नता मिलती है। भूगोल में विभिन्न घटना-दृश्यों की विभिन्नता के विशिष्ट सम्बन्धों का अध्ययन क्षेत्रों के संदर्भ में किया जाता है।

आर. ई. डिकिन्सन ने इस संदर्भ में लिखा है कि "भूगोल पृथ्वी तल का विज्ञान है। यह पृथ्वी तल पर पाई जाने वाली वस्तुओं और तत्त्वों जिनमें घटनाओं का परस्पर कार्य-कारण सम्बन्ध मिलता है का अध्ययन है।"

(Geography is the Science of the earth surface and things and phenomena that are casually interrelated with it.)

वर्तमान समय में यद्यपि अधिकांश भूगोलवेत्ता इस विचारधारा से सहमत हैं - भूगोल का विशेष कार्य वितरण का अध्ययन नहीं है, लेकिन इस विचारधारा को पर्ण अस्वीकार करना भी भूगोल में बहुत कठिन है, क्योंकि भूगोलवेत्ता कभी भी किसी भी घटना-दृश्य का अध्ययन उसके वितरण को जाने बिना नहीं कर सकता। वास्तव में का (वितरण) का अध्ययन भूगोल के क्षेत्र का एक महत्त्वपूर्ण भाग है। इस संदर्भ में अमेरिकन भूगोलवेत्ता शेफर लिखते हैं "भूगोल एक ऐसे विज्ञान के रूप में समझा जाना चाहिए जो पृथ्वी की सतह पर स्थानिक वितरण के कुछ आवश्यक भू-आकारों के नियंत्रित करने वाले नियमों का प्रतिपादन करता हो।"

“Geography has to be conceived as a science concerned with the formulation of laws governing the spatial distribution of certain features on the surface of the earth.”

अमेरिकन भूगोलवेत्ता एकरभेन इस संदर्भ में लिखते हैं “भूगोल पृथ्वी की सतह पर स्थानिक वितरणों तथा स्थान सम्बन्धों का अध्ययन करता है।"

(It is the study of spatial distribution and space relation on the earth surface.)