Write the changing definition of geography

प्रसिद्ध रोमन विद्वान स्ट्रेबो (Strabo) ने प्रथम बार भूगोल को परिभाषित करते हुए लिखा है, "भूगोल हमें पृथ्वी और जल पर निवास करने बालों का बोध कराता है तथा यह जानकारी भी देता है कि पृथ्वी के विभिन्न भागों में क्या विशेषताएँ (Geography acqunits us with the occuptions of the and and ocean and thepeculiarities of the various qualities of the earth)

यूनानी भूगोलवेत्ता इरेटॉस्थनीज ने सर्वप्रथम पृथ्वी के वर्णन के लिए ज्यो (Geography) शब्द का प्रयोग किया। उसने पृथ्वी की माप की तथा वह भगोन प्रथम अग्रदूत बना। इसीलिए वह भूगोल का पिता (Father of Geogram, कहलाया। क्लॉडियस टॉलमी (Claudius Ptolemy) ने विश्व का एक मानविन बनाया तथा भूगोल को परिभाषित करते हुए लिखा है, "भूगोल एक ऊर्ध्वपातन विला है जो पृथ्वी का परावर्तन देखता है।

(Geography is a subline science that sees the reflection of the earth in the heavens.) जर्मन भूगोलवेत्ता बर्न हार्ड वारेनियस (Bern hard Verenius) ने सत्रहवीं शताब्दी में भूगोल की परिभाषा इस प्रकार की है कि “भूगोल पृथ्वी की सतह को अध्ययन का केन्द्र मानकर उसे समझाने वाली विद्या है। इसमें जलवायु, धरातलीय लक्षण, जल, वन एवं मरुभूमि, खनिज एवं पशु तथा धरातल पर बसे हुए मानव तथ्यों का निरीक्षण एवं च सम्मिलित है।

(Geogra hy focuses attention on the surface of the earth where it examine such things as climate Sruface features, water, forests, deserts, minerals animals and human inhabitants.)

18वीं शताब्दी में प्रमुख जर्मन भूगोलवेत्ता इमैनुअल काण्ट (Immanuel Kant) ने भूगोल को परिभाषित करते हुए लिखा, “भूगोल धरातल का अध्ययन करता है तथा यह भूतल क विभिन्न भागों मे पायी जाने वाली विभिन्नताओं की पृष्ठभूमि में की गई व्याख्या का अध्ययन करता है। इसमें सभी घटनाओं के मध्य जटिल एवं क्रियाशील सम्बन्ध तथा अन्तर्सम्बन्ध पर विशेष ध्यान दिया जाता है।"

काण्ट महोदय भूगोल तथा खगोलकी को दो भिन्न विज्ञान मानते थे। इस आधार पर उन्होंने भूगोल को निम्न प्रकार से परिभाषित किया :

" भूगोल वह विज्ञान है जिसमें पृथ्वी के उस भाग का अध्ययन किया जाता है जो मानव का है।"

19वीं शताब्दी में जर्मन भूगोलवेत्ता हम्बोल्ट ने भूगोल को परिभाषित करते हुए लिखा, "भूगोल प्रकृति के वर्णन से सम्बन्धित विद्या है। अन्य सभी प्राकृतिक अथवा

जैविक व्यवस्थित विज्ञान पृथ्वी की घटनाओं से सम्बन्धित होते हैं। इन विज्ञाना । व्यवस्थित रूप से पशु, वनस्पति, ठोस पदार्थ या जीवावशेष की बनावट एवं प्रक्रिया ही अध्ययन किया जाता है जबकि भूगोल का अध्ययन किसी क्षेत्र के संदर्भ म पारस्परिक सहसम्बन्ध रूप के संदर्भ में होता है।

उनके अनुसार, “भूगोल में पृथ्वी तल का अध्ययन मानवीय निवास के रूप में किया जाता है।"  जर्मन भूगोलवेत्ता कार्ल रिटर के अनुसार, “भूगोल में पृथ्वी तल का अध्ययन किया जाता है जो कि मानव का निवास गृह है।"

- भूगोल को स्पष्ट करते हुए उन्होंने परिभाषित किया कि “भूगोल विज्ञान का वह विभाग है जो पृथ्वी (ग्लोब) को स्वतंत्र मानते हुए इसके सभी लक्षणों, घटनाओं तथा सम्बन्धों का वर्णन करता है तथा इस एकीकृत समग्र का सम्बन्ध मानव एवं जगत्पिता से दर्शाता है।" जर्मन भूगोलवेत्ता रिचथोफेन (Richthofen) के अनुसार, “भूगोल में पृथ्वी तल के विभिन्न क्षेत्रों का अध्ययन उनकी समस्त विशेषताओं के आधार पर किया जाता है।" इस प्रकार भूगोल धरातल की उन वस्तुओं एवं ऐसी घटनाओं के अध्ययन का विज्ञान है जो कि इससे अन्तःसम्बन्धित हैं। इस प्रकार भूगोल केवल पृथ्वी का ही विज्ञान नहीं है। उनके मतानुसार इसमें भूतल, वायुमंडल, जलमंडल, पौधे, पशु एवं मानव तथा उसकी भौतिक एवं सांस्कृतिक सम्पत्ति सभी का समावेश होता है। रिचथोफेन का विचार था कि भूगोल में ऐसी वटनाओं का अध्ययन किया जाता है जो भूतल से प्रभावित हों, उससे सम्बन्धित हों अथवा उस पर निर्भर हों। जर्मन भूगोलवेत्ता हेटनर के अनुसार, “भूगोल वह क्षेत्रीय विज्ञान है जिसमें पृथ्वी तल के क्षेत्रों का अध्ययन उनकी विभिन्नताओं तथा स्थानिक सम्बन्धों की पृष्ठभूमि में किया जाता है।" प्रसिद्ध फ्रांसीसी विद्वान विडाल-डी'-ला-ब्लाश (Vidal-de-la-Blache) ने भूगोल को परिभाषित करते हुए लिखा है, “भूगोल स्थलों का विज्ञान है।"

(Geography is the Science of places)

ब्लाश महोदय ने माना कि भूगोल एक विशिष्ट विज्ञान है जिसमें पृथ्वी पर पायी जाने वाली घटनाओं का अध्ययन स्थान, स्थिति एवं वितरण के सम्बन्ध के रूप में किया जाना चाहिए। इस प्रकार इसमें पृथ्वी एवं मानव दोनों सम्मिलित हैं। भूगोल पृथ्वी एवं मानव के अन्तर्सम्बन्धों के विषय में नई संकल्पना प्रस्तुत करता है। यह कल्पना हमारी पृथ्वी पर नियमन करने वाले भौतिक नियमों के विषय में और उस पर निवास करने वाले जीवधारियों के सम्बन्धों के बारे में अधिक विश्लेषणात्मक ज्ञान का परिणाम है।

उपर्युक्त परिभाषाओं से स्पष्ट होता है कि द्वितीय विश्व युद्ध से पूर्व भूगोल का स्वरूप स्पष्टत: उभरकर सामने आने लगा था किन्तु द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इसकी परिभाषा पर मतभेद उत्पन्न होने लगा अर्थात् इसको पुनः विभिन्न रूपों में परिभाषित किया गया। म अब भूगोल अपनी तरुणावस्था में है। इसे उत्कृष्ट विज्ञान, सूक्ष्म कला तथा गंभीर दर्शन के रूप में परिणित करना है जिसके लिए विश्व के सभी भूगोलवेत्ताओं को एकजुट हो इसके विकास के लिए कटिबद्ध होना है। भूगोल की बदली परिभाषाओं के तारतम्य में विभिन्न परिभाषाएँ दी जा रही है।

वडलरिज तथा ईस्ट (Wooldridge and East) के अनुसार, "भूगोल में भू-क्षेत्र, एवं मानव का अध्ययन होता है।" इस परिभाषा में निम्न तीन बातों पर गया : पृथ्वी तल, भूतल की विभिन्नताओं के आधार पर इसके प्राकृतिक भाग के पारस्परिक सम्बन्ध।

सर डडले स्टाम्प (Sir L. D. Stamp) महोदय ने भूगोल के प्रत्येक पल मानवीय समृद्धि और प्रगति की योजना के लिए प्रयोग करने का प्रयास किया जा निम्न प्रकार परिभाषित किया :

"भूगोल पृथ्वी को पानव प्रजाति का घर मानकर उसके भौतिक पर्यावरण अध्ययन करता है।"

(Geography is the study of the earth as home of man of physical environment of human species.)

स्टाम्प के अनुसार भूगोल में विश्व एवं उसके निवासियों का अध्ययन किया जाता है। इसमें पृथ्वी तल का वर्णन, क्षेत्रों की भिन्नताओं तथा सम्बन्धों का अध्ययन होता है।

पीटर हैगेट (P. Haggett) के अनुसार, "भूगोल वह विज्ञान है जो पृथ्वी तल पर मानव एवं वातावरण के पारिस्थितिक तंत्र और प्रदेशों के स्थानिक तंत्र की संरचनाओं एवं पारस्परिक क्रियाओं का अध्ययन करता है।"

प्रसिद्ध अमेरिकन भूगोलवेत्ता एडवर्ड एकरमैन (Edward Ackerman) के अनुसार, "भूगोल वह विज्ञान है जो पृथ्वी तल पर समस्त मानव जाति और उसके प्राकृतिक वातावरण की पारस्परिक क्रियाशील विस्तृत प्रणाली का अध्ययन करता है।" - अमेरिकन कॉलेज शिक्षा शब्दकोश के अनुसार भूगोल की परिभाषा निम्न प्रकार

"भूगोल धरातल की क्षेत्रीय विभिन्नताओं का अध्ययन है। क्षेत्रों की लक्षण व्यवस्था के अन्तर्सम्बन्धों में विभिन्न विभिन्नताएँ दृष्टिगोचर होती हैं। इसमें धरातलीय प्रमुख तत्त्वों यथा-जलवायु, वनस्पति, जनसंख्या, भूमि उपयोग एवं उद्योगों आदि का व किया जाता है।

(Geography is the concerned to provide an accurate orderly due rational description and interpretatin of the variable character of ea surface.)

यीट्स (Yeates) के अनुसार, "भूगोल वह विज्ञान है जो पृथ्वी तल पर विशेषताओं की स्थिति और स्थानिक वितरण की व्याख्या तथा भविष्यवाणी करन सिद्धान्तों का परीक्षण एवं परिमेय विकास करता है।"

स्पष्ट है कि स्वीट्स महोदय भूगोल को ऐसा विज्ञान मानते हैं जो पृथ्वी सतह की विशिष्टताओं को समझाने में सिद्धान्तों की सहायता होता है। यह सिद्धान्तों की परख करके पृथ्वी की सतह की विशिष्टताओं का पूर्वानुमान भी करता है।

ब्रोएक (Prock) ने भूगोल को निम्न प्रकार से परिभाषित किया है "मानवीय संसार के रूप में पृथ्वी तल की विभिन्नता का क्रमबद्ध ज्ञान भूगोल है।"

(Geography is the orderly knowledge of the diversity of the earth as the world of man.)

भूगोल को परिभाषित करते हुए ट्राफे (Traffe) महोदय ने अपने विचार निम्न प्रकार रखे :

"भूगोल पृथ्वी तल पर स्थानिक संगठन के प्रारूप एवं प्रक्रियाओं का अध्ययन

(Geography is the study of pattrns process of spatial organization on earth.)

ट्राफे ने भूगोल को ऐसा विज्ञान माना जो मानव को उसके विश्व का व्यवस्थित विवरण प्रस्तुत करता है। उन्होंने स्थानिक संगठन के प्रारूप एवं प्रक्रियाओं पर भी बल दिया जो वास्तव में वर्तमान समय में देखा जा सकता है। उनका मानना है कि वर्तमान समय में स्थानिक वितरण को प्रतिरूपों एवं प्रक्रियाओं के पाध्यम से समझाना अधिक श्रेयस्कर होगा।

हार्टशोर्न (Hartshorne) ने भूगोल को परिभाषित करते हुए लिखा है, "भूगोल वह अनुशासन है जो पृथ्वी को मानव का संसार मानकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर विभिन्न लक्षणों को वर्णन तथा व्याख्या के लिए खोजता है।"

(Geography is that discipline that seeks to describe and interpret the variable character from place to place of the earth as the world of man.)

हार्टशोर्न महोदय ने "भूगोल के क्षेत्र में भूतल के विभिन्नता रूपी लक्षणों की शुद्ध, व्यवस्थित तथा तर्कपूर्ण व्याख्या करता है।"

(Geography is concerned to provide an accurate orderly and rational description and interpretation of the variable character of earth surface.)